दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के विरोध में जदयू ने सीएम केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा और एक दिवसीय भूख हड़ताल व धरना प्रदर्शन करते हुए सरकार के कानों तक आवाज पहुंचाई। केजरिवल सरकार की गलत आबकारी नीतियों का विरोध करते हुए जदयू दिल्ली प्रदेश महासचिव सुधाकर भारत के नेतृत्व में प्रदर्शन का आयोजन किया गया। यह एक दिवसीय प्रदर्शन पालम विधानसभा के कैलाशपुरी चौक पर आयोजित किया गया, जहां जदयू दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष दयानंद राय, जदयू दिल्ली प्रदेश महासचिव व युवा प्रभारी अमल कुमार के साथ बड़ी संख्या में पदाधिकारी व कार्यकर्तागण मौजूद रहे।
इस एक दिवसीय भूख हड़ताल व धरना प्रदर्शन के माध्यम से जदयू द्वारा स्पष्ट रूप से नई शराब नीति का विरोध किया गया। जदयू कार्यकर्ताओं ने एक स्वर में विरोध मुखर करते हुए कहा कि सरकार की नई आबकारी नीति के तहत शराब पीने की उम्र कम कर दी गई है, वहीं पहले 250 शराब की निजी दुकानें थीं जिनकी संख्या बढ़ाकर साढ़े आठ सौ की जा रही है। प्रत्येक वार्ड में तीन दुकानें खोली जाएंगी। इससे महिलाओं, बच्चों व परिवारों की समस्या बढ़ेंगी, दिल्ली में पहले ही महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या अन्य शहरों के मुकाबले काफी अधिक है और अब इस आई आबकारी नीति से राजधानी में अपराधों का ग्राफ अधिक बढ़ेगा।
दिल्ली जदयू अध्यक्ष दयानंद राय ने बिहार में नीतीश कुमार की शराबबंदी नीति से दिल्ली सरकार को सीख लेने की सलाह दी। उन्होंने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि देश की राजधानी में केजरीवाल सरकार "हार घर नल का जल" भले ही नहीं पहुंचा पाई हो लेकिन हर घर शराब पहुंचाने की तैयारी कर दिल्ली के भविष्य को गर्त में मिलाने की साजिश कर रही है।
वहीं, जदयू दिल्ली प्रदेश महासचिव व युवा प्रभारी अमल कुमार ने कहा कि,
"दिल्ली सरकार जो अपने आप को पढ़ी-लिखी, शिष्ट व सभ्य सरकार की छवि के तौर पर जनता के सामने रखे हुए है, उनसे इस प्रकार के बेतुके निर्णय की आशा नहीं थी। शराब की निजी दुकानों को बढ़ावा देकर केजरीवाल सरकार ने कौन सा समझदारी भरा निर्णय लिया है। सभी को पानी तो उपलब्ध नहीं कराया लेकिन शराब धड़ल्ले से उपलब्ध कराई जा रही है। इस आबकारी नीति से महिलाओं की सुरक्षा दांव पर लग जाएगी, अपराधों को बढ़ावा मिलेगा, परिवारों में विखंडन की स्थिति उत्पन्न होगी। सरकार एक ओर जहां पंजाब को नशा मुक्त करने की बात कर रही है, वहीं राजधानी दिल्ली में शराब को बढ़ावा दे रही है, यह केजरीवाल सरकार का दोगला चेहरा है।"